"Rich Dad Poor Dad" Book ka summmary in hindi ।। रिच डैड पुअर डैड बुक का हिंदी में अनुवाद

सपना तो सभी लोग देखते हैं, लेकिन सपने की हकीकत तभी सच होती है | जब उनके पास महंगी गाड़ियां हो, पैसे हो, धन दौलत हो , महंगे कपड़े हो|

यह सपना तो प्रत्येक व्यक्ति देखता है। पर बहुत ही कम लोग इस सपने को हकीकत में सच कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि लोग मेहनत नहीं करते वे बेशक कड़ी मेहनत करते हैं, पर पैसों का मैनेजमेंट कैसे करना। उन्हें कैसे खर्च करना है यह सब नहीं जानते हैं। इसलिए सभी लोगों का अमीर बनने का सपना पूरी जिंदगी भर पूर्ण नहीं हो पाता है।

इसके लिए एक ही बहुत ही Famous Book -- "rech dad poor dad" है जो आपके सपने को पूरा कर सकता है रॉबर्ट टी. कियोसाकी द्वारा लिखी गई पुस्तक rich dad poor dad मैं पैसों का मैनेजमेंट कैसे करना है। बहुत ही सरल से और अच्छे शब्दों में बताया गया है। यह बुक दुनिया की Famous Book में से एक है "रिच डैड पुअर डैड" किताब पैसों के बारे में अमीर लोग और गरीब लोग अपने बच्चों को क्या सिखाते हैं इसका संपूर्ण जानकारी हम हिंदी में आपको इस पोस्ट में बताने वाले हैं

रिच डैड पुअर डैड बुक का अनुवाद हिंदी 


आप लोगों को बचपन से ही दिमाग में यह बात डाल दी आते ही यदि आप पढ़ाई अच्छे से करते हैं और अच्छे mask लेकर आते हैं तो आपकी futuer में अच्छी नौकरी मिल जाएगी और गरीबी का सामना नहीं करना पड़ेगा । किंतु हमारे देश में बहुत ऐसे लोग हैं जो बहुत ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं और उनकी अच्छी नौकरी होते हुए वित्त तौर पर मजबूत हैं। लेकिन उन्हें पैसों की तंगी गरीबी आदि चीजों से गुजरना पड़ता है


वहीं दूसरी तरफ जो लोग ना, तो पढ़ाई में अच्छे नंबर लाते हैं ना ही जॉब करते हैं फिर भी वह अमीर लोगों की गिनती में दुनिया की सबसे नंबर पर सबसे पहले आते हैं इसका सबसे अच्छा उदाहरण गौतम अदानी या रतन टाटा को लेकर देख लीजिए।
यह भी कह सकते हैं कि कोई भी इंसान सिर्फ पढ़ाई या नौकरी के दम पर ही गरीबी और अमीर नहीं हो सकता है इसके लिए आपको फ्यूचर मैनेजमेंट का पाठ समझना बहुत ही जरूरी है। चलिए आपको फाइनेंस मैनेजमेंट रॉबर्ट टी. कियोसाकी के द्वारा लिखी पुस्तक रिच डैड पुअर डैड की summary के माध्यम से हम आपको समझाने का प्रयास करते हैं।


Rich dad poor dad ki summmary

                    रॉबर्ट टी. कियोसाकी के दो पिता है जिनमें से एक गरीब है और दूसरा अमीर है। आप सोचेंगे कि किसी के दो पिता कैसे हो सकते हैं? ऐसा नहीं है एक उनके जन्मदाता है जो गरीब हैं और दूसरे उसके बेस्ट फ्रेंड्स के पिता है जिसे वे अमीर डैडी कहते हैं। वह उसके दोस्त के पिता को अपना अमीर डैडी मानता है। दोनों पिताजी के विचार बहुत ही अलग हैं। एक पिता जो बहुत ही गरीब है, वह बहुत पढ़ा लिखा है और दूसरा पिता जो अमीर हैं उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की है। दोनों ने अपनी जिंदगी में बहुत कड़ी परिश्रम की थी । दोनों ही अपने क्षेत्र में सक्सेस भी प्राप्त हुए हैं लेकिन पैसे को लेकर दोनों की राय बिल्कुल अलग थी, भिन्न थी उनका पैसों को देखने का नजरिया भी बिल्कुल अलग था।

इस बुक में कुछ पॉइंट्स दिए गए हैं जिनको हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं।

1.  सोच -
                 रॉबर्ट टी. कियोसाकी के पहले पिताजी का मानना था कि  कोई वस्तु आप नहीं खरीद सकते हैं, किंतु दूसरी पिता इस बात से चढ़ते थे। दूसरे पिता रॉबर्ट को हमेशा यह समझाने की कोशिश करते कि तुम किसी चीज को कैसे खरीद सकते हो। इसके बारे में यह ना सोचो  कि  इसे नहीं खरीद सकते अगर आप यह सोचते हैं कि यह वस्तु में कैसे खरीदे तो दिमाग इसके बारे में काम करना प्रारंभ कर देता है। 
                   पहले पिता की इस नकारात्मक सोच है, वहीं दूसरी पिता की इस सोच में प्रश्नवाचक है। नकारात्मक सोच बात को वहीं पर सोचने पर खत्म कर देता है जबकि दूसरे पिता की प्रश्नवाचक सोच आपको सोचने पर मजबूर कर देता है, कि वह वस्तु आप कैसे खरीद सकते हो। कैसे हासिल कर सकते हो। जब कोई व्यक्ति दिमाग में यह सोच लेता है कि वह वस्तु नहीं खरीद सकता। तो उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है और जब आप सोचते हैं कि यह वस्तु कैसे खरीदा जाए तो आपका दिमाग काम करना start हो जाता है और दिमाग प्रश्नों के उत्तर ढूंढने में लग जाता है।
                    कहने का मतलब यह है कि दिमाग को सकारात्मक सोच से उसको काम करने दो और दिमाग एक्टिव रहेगा और धीरे-धीरे strong हो जाएगा जबकि दिमाग को नकारात्मक चीजों से दूर रखना चाहिए ।


2.  जोखिम   -

                      रॉबर्ट टी. कियोसाकी के पहले पिताजी का मानना था कि आपको जोखिम नहीं लेना चाहिए। आप अच्छे से पढ़ाई करो। अच्छे मार्क्स लाओ और कक्षा में प्रथम नंबर लाओ और अच्छा सा कोई जॉब ढूंढ कर पूरी जिंदगी गुजारो। किंतु वहीं दूसरी तरफ राबर्ट की दूसरी पिताजी यह सिखाते है की जोखिम को मैनेजमेंट करना सीखो । पढ़ाई करो और पैसे को काम पर लगाओ। अप

3.  पैसे की समझ का होना -

                                          सभी लोग पैसे को बहुत ही संभाल कर रखते हैं। इस बुक में यह सहेजना का अर्थ अलमारी या बैंकों  में अपने पैसे को संभाल कर रखने से नहीं है यहां पर यह बताया गया है कि पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करना चाहिए। जिससे कि आपकी आय होती रहे l आपका पैसा हमेशा बनता रहे, बढ़ता रहे साथ ही साथ यह भी ध्यान रखना है, कि पैसे को ऐसी जगह खर्च ना किया जाए जिससे आपकी इनकम ना हो  इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितना पैसा कमा रहे हैं बल्कि इस बात से फर्क पड़ता है कि आप उस पैसे को कहां खर्च कर रहे हैं और कहां, कहने का मतलब है कि आपको पैसे की समझ होनी चाहिए

4.  पैसे के लिए काम -

                                     रॉबर्ट टी. कियोसाकी  के पिताजी का मानना था कि हमें पैसों के लिए काम नहीं करना चाहिए कहने का मतलब है पैसो के पीछे भागने से आपकी समस्या का हल नहीं होता। बल्कि आप पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करें। जिससे आपका पैसा दिनों दिन बढ़ता रहे। जबकि उसके दूसरे पिताजी का मानना था कि कि कोई अच्छी सी जॉब ढूंढ कर जिंदगी आसानी से गुजार दो । लेकिन यहां पर आपके पैसे की समस्या समाप्त नहीं होती है। आपको जिंदगी में हमेशा मैनेजमेंट करना पड़ता है


5.  सबसे पहले खुद को पेमेंट करना सीखें -

                                                                      रॉबर्ट टी. कियोसाकी के पिताजी  की यह बात समझाए कि सबसे पहले आप अपनी कमाई का एक हिस्सा अपने लिए रखें और उन पैसों के लिए संपत्ति कर आए जो आपको जीवन भर आए प्रदान करें कहने का मतलब यह है कि आप जितना हो चाहे एसिड्स खरीदें यहां पर एसिडस का मतलब है जो आपकी जेब में पैसे डाले और उसके विपरीत जितना कम हो सके लायबिलिटीज को कम करें। लेबिलिट इसका मतलब होता है जो आपके पैसे जेब से खर्च करें।



एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने